Pradosh Vrat Kab Hai : जनवरी में प्रदोष व्रत कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Pradosh Vrat Kab Hai : हिंदू शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से भक्ति के जिंदगी में कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है और उसकी जिंदगी में सुख समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।

सनातन धर्म में मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन संध्या काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से भक्त को मनचाहा फल की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने से भक्ति की जिंदगी में खुशहाली आती है और उसकी जिंदगी से कासन का निवारण होता है। इस दिन दान करना बहुत ही विशेष माना जाता है। आईए जानते हैं जनवरी में प्रदोष व्रत कब है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि ( Pradosh Vrat Kab Hai ) के बारे में भी जानते हैं।

प्रदोष व्रत कब है ( Pradosh Vrat Kab Hai )

जनवरी में प्रदोष व्रत 11 जनवरी 2025 दिन शनिवार को रखा जाएगा। क्योंकि यह प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। 11 जनवरी को त्रयोदशी तिथि पड़ रही है, इस वजह से प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त सुबह 8:21 से लेकर अगले दिन 12 जनवरी को सुबह 6:33 पर समाप्त होगा।

प्रदोष व्रत पारण का समय

प्रदोष व्रत का पारण सूर्योदय के बाद बहुत ही शुभ माना जाता है, इसलिए प्रदोष व्रत का पारण का समय 12 जनवरी को सुबह 7:15 का होगा। आप सभी भक्त घर अगर प्रदोष व्रत रखते हैं तो आप प्रदोष व्रत 7:15 पर करने का शुभ समय बन रहा है।

Also Read – Saphala Ekadashi 2024 : सफला एकादशी कब है, जानिए सही तिथि मुहूर्त और पूजा विधि

प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस दिन सच्चे मन और श्रद्धा के साथ प्रदोष व्रत रखने से और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से भक्ति के जिंदगी में कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है। भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहते हैं कि प्रदोष व्रत रखने से भक्ति के जिंदगी में बहुत बड़े बदलाव होते हैं।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत के दिन सभी भक्तगण सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, अगर हो सके तो गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
  • स्नान करने के बाद आप सूर्य दो को अर्द्ध दें, और इसके बाद पूजा स्थल की साफ सफाई अच्छे से करें।
  • अब आप पूजा स्थल पर भगवान शिव जी और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
  • इसके बाद आप शिवलिंग पर जल, दूध, पंचामृत, फल, फूल, बेलपत्र चढ़ाकर घी का दिया जलाएं।
  • इसके बाद आप शिव चालीसा का पाठ करें, इसके बाद आप संध्या काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • शाम के वक्त आप जरूरतमंद लोगों को खाने के लिए अन्न और कपड़े का दान करें।

निष्कर्ष ( Conclucation )

आप सभी लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से जनवरी में प्रदोष व्रत कब है ( Pradosh Vrat Kab Hai ) इसके बारे में जानकारी दी है। अगर आप सभी भक्तगण हर महीने पढ़ने वाले प्रदोष व्रत रखते हैं तो आपके लिए यह जानकारी बहुत ही फायदेमंद साबित होगी। अगर आप ऐसी व्रत त्यौहार राशि से जुड़ी इनफॉरमेशन पाना चाहते हैं तो आप हमारी इस वेबसाइट के साथ अपडेट बने रहें।

About The Author

More From Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *