Pradosh Vrat August 2025 : अगस्त में प्रदोष व्रत कब है ? जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त – प्रदोष व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव जी को समर्पित है और इस दिन पूरे विधि विधान के साथ व्रत रखने के साथ-साथ भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा करने से भक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हिंदू शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से महादेव अपने भक्त से जल्द प्रसन्न होते हैं।
आप सभी शिव भक्त भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। क्या आप जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन आप भगवान शिव जी की उपासना करके शिव जी को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। अगस्त महीने में प्रदोष व्रत कब है ( Pradosh Vrat August 2025 ) प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त और पूजा विधि से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आपको प्राप्त होगी।
प्रदोष व्रत कब है ( Pradosh Vrat August 2025 )
अगस्त महीने में भाद्रपद महीने की शुरुआत 10 अगस्त से हो रही है, भाद्रपद महीने में पढ़ने वाली कृष्ण पक्ष की दुर्योदशी तिथि 20 अगस्त को दोपहर 1:58 पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 21 अगस्त 2025 को दोपहर 12:44 पर होगा, उदया तिथि के हिसाब से प्रदोष व्रत 20 अगस्त 2025 को रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत के दौरान त्रयोदशी तिथि के समय भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा की जाती है। प्रदोष काल में की गई पूजा सबसे शुभ मानी जाती है, प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अगस्त 2025 को संध्या काल 6:56 लेकर रात्रि 9:07 तक रहेगा, इस मुहूर्त पर आप भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं।
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प्रदोष व्रत रखने के लाभ
- अगर कोई भक्त प्रदोष व्रत रखता है तो उसकी जिंदगी में सुख समृद्धि और शांति आती है।
- प्रदोष व्रत रखने से मनुष्य की बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
- प्रदोष व्रत रखने से और भगवान शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति की व्यापार और करियर में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- प्रदोष व्रत रखने से मनुष्य की जिंदगी में चल रहे सभी समस्याएं समाप्त होती है और भगवान शिव जी की कृपा से उसके सभी बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।
- प्रत्येक प्रदोष व्रत रखने से मनुष्य की जिंदगी में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आती है और आने वाली समस्याएं भी भगवान भोलेनाथ की कृपा से समाप्त हो जाती है।
- प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति की पारिवारिक जीवन और दांपत्य जीवन में खुशियां आती है।
- प्रदोष व्रत रखने से मनुष्य के रोग शत्रु को कचहरी जैसे मामलों में Rahaat मिलती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- सभी शिवभक्त को प्रदोष व्रत के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करना है और इसके बाद साफ कपड़े पहनकर घर के मंदिर की साफ सफाई करनी है।
- आप सुबह चाहे तो घर पर ही भगवान शिव जी की पूजा कर सकते हैं या फिर आप नजदीकी मंदिर जाकर एक लोटा जल चढ़कर या फिर पूरे विधि विधान के साथ पूजा कर सकते हैं।
- इसके बाद आप मंदिर में पूजा करते समय प्रदोष व्रत का संकल्प ले।
- प्रदोष व्रत के दौरान आप केवल फलाहार का ही सेवन करना है।
- अब आपको संध्या काल में दोबारा स्नान करके पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा करें।
- पूजा के दौरान आप सभी पूजा सामग्री इकट्ठा करें और पूजा करने के बाद आप भगवान शिव जी के मंत्र का जाप करें।
- भगवान शिव जी की आरती करने के बाद आप अपने उत्तम जिंदगी के लिए प्रार्थना करें और जाने अनजाने किए गए गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
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