Jitiya Vrat Kab Hai : जितिया व्रत कब है, जानिए सही डेट शुभ मुहूर्त और योग

Jitiya Vrat Kab Hai : हमारे हिंदू धर्म में अश्वनी माह का विशेष महत्व है, अश्वनी माह मे कई सारे पर्व मनाए जाते हैं, इस माह में पितृ पक्ष, दुर्गा पूजा, जितिया व्रत ( Jitiya Vrat 2025 ) पर्व पड़ते हैं। जितिया व्रत ( Jitiya Vrat 2025 ) प्रत्येक वर्ष अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। जितिया व्रत केवल इंडिया में ही नहीं बल्कि नेपाल के कई राज्यों में मनाया जाता है, अगर आपके मन में कंफ्यूजन है कि वर्ष 2025 में जितिया व्रत कब है ( Jitiya Vrat Kab Hai ) आपके यहां पर पंडित आचार्य के द्वारा पूरी सही जानकारी मिलेगी।

जितिया व्रत कब है ( Jitiya Vrat Kab Hai )

हिंदू पंचांग के अनुसार जितिया व्रत प्रत्येक वर्ष अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है, इस वर्ष यानी 2025 में अष्टमी तिथि की शुरुआत 14 सितंबर को सुबह 5:04 पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 15 सितंबर को रात्रि में 3:06 पर होगा, इसलिए जितिया व्रत पर्व 14 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा।

जितिया व्रत शुभ मुहूर्त

पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:33 से लेकर 5:19 तक

पूजा करने के लिए विजय मुहूर्त दोपहर 2:20 से लेकर 3:09 तक

पूजा करने के लिए गोधूलि मुहूर्त संध्या काल 6:27 से लेकर 6:51 तक

पूजा करने के लिए निशिता मुहूर्त रात्रि 11:53 से लेकर 12:40 तक

जितिया व्रत का धार्मिक महत्व

हमारे हिंदू धर्म में जितिया व्रत का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है, हिंदू पुराणों में बताया गया है कि जितिया व्रत रखने से पुत्र की लंबी आयु की प्राप्ति होती है, इसके अलावा आपका पुत्र तेजस्वी और तेजस्वी होता है, जितिया व्रत ( Jitiya Vrat ) के दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करते हैं, इस दिन जीमूतवहान की कथा का पाठ किया जाता है।

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जितिया व्रत ( Jitiya Vrat ) शुभ योग

वर्ष 2025 में ज्योतिष आचार्याओं के अनुसार अश्वर मां के कृष्ण स्पष्ट की अष्टमी तिथि के दिन दो सिद्धि योग का सहयोग बना रहा है, जिस दिन रवि और शिवास योग का निर्माण हो रहा है, मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु जी की पूजा करने से व्रत करने वाले साधक के सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। जितिया व्रत के दिन शिव वास योग का समापन 15 सितंबर को रात्रि 3:06 तक है, इस समय के अंदर आप भगवान श्री कृष्ण शिव जी की पूजा करके अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं।

जितिया व्रत के नियम

  • जितिया व्रत का परम व्रत के एक दिन पहले हो जाता है जिसे नहाय खाय कहा जाता है।
  • जितिया व्रत के 1 दिन पहले महिलाओं को स्नान करने के बाद पूजा करना है और इसके बाद भोजन ग्रहण करना है।
  • महिलाओं को केवल सात्विक भोजन ग्रहण करना है जिसमें प्याज लहसुन नहीं होना चाहिए।
  • इसके बाद दूसरे दिन जितिया व्रत रखा जाता है।
  • व्रत के दौरान महिलाओं को निर्जला व्रत रखना होता है इस दौरान महिलाओं को ना ही कुछ खाना होता है और ना ही कुछ पीना होता है।
  • जितिया व्रत का पारण मुहूर्त के साथ करें, जितिया व्रत पारण के समय पूजा पाठ करें और सूर्य देव को अर्द्य दें।
  • जितिया व्रत तीन दिन तक चलता है इस दौरान महिलाओं को साफ सफाई का विशेष ध्यान देना होता है।

जितिया व्रत पूजा विधि

  • जितिया व्रत पर्व के दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा करके व्रत का संकल्प ले।
  • वैवाहिक महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
  • व्रत के दौरान महिलाओं को कुछ भी खाना पीना नहीं है।
  • व्रत पारण के दौरान महिलाएं पूजा करती है इसके बाद कथा पाठ करके गीत गाती है।
  • महिलाएं पारण के समय पूजा पाठ करके व्रत पारण कर सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ )

जितिया व्रत में क्या नहीं करना चाहिए?

जितिया व्रत के 1 दिन पहले केवल सात्विक भोजन करना चाहिए और लहसुन प्याज और मांसाहारी वस्तुएं का सेवन नहीं करना चाहिए।

जितिया का व्रत कैसे तोड़ा जाता है?

जितिया व्रत पारण के दौरान सबसे पहले सूर्य देव को अर्थ दें इसके बाद आप चावल मरुआ की रोटी तोरई रागी और नोनी का साग ग्रहण करके व्रत पारण करें।

जितिया व्रत कितने घंटे का होता है ?

जितिया व्रत के दौरान महिलाओं को 24 घंटे का निर्जला व्रत रखना होता है।

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