Yogini Ekadashi 2025 – सनातन धर्म में आषाढ़ माह में पड़ने वाली एकादशी का महत्व बहुत अधिक माना गया है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष तिथि के दिन एकादशी व्रत रखा जाता है और इस दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी जी की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से और पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि और यश की वृद्धि होती है। सनातन धर्म में बताया गया है कि एक अच्छी व्रत रखने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष तिथि के दिन पड़ने वाली योगिनी एकादशी ( Yogini Ekadashi ) के दिन सभी भक्त लोग भगवान विष्णु जी की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। इस दिन व्रत रखने से और भगवान विष्णु जी की पूजा करने से भगवान विष्णु अपने भक्त से खुश होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। योगिनी एकादशी के दिन तुलसी पूजा का भी बहुत बड़ा विशेष महत्व माना जाता है, सनातन धर्म के अनुसार इस दिन तुलसी की पूजा के बिना नारायण की पूजा अधूरी मानी जाती है। सभी भक्तों को योगिनी एकादशी के दिन भगवान हरि की पूजा के साथ-साथ तुलसी माता के बीच पूजा करनी चाहिए और तुलसी चालीसा का पाठ जरूर करे।
योगिनी एकादशी कब है ( Yogini Ekadashi 2025 )
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष तिथि के दिन पड़ने वाली योगिनी एकादशी ( Yogini Ekadashi ) सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाली एकादशी है। इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून दिन शनिवार को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि की शुरुआत सुबह 7:18 पर होगी और इसका समापन अगले दिन 22 जून दिन रविवार को सुबह 4:27 पर होगा। उदया तिथि के हिसाब से योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून 2025 को रखा जाएगा।
योगिनी एकादशी व्रत का आध्यात्मिक महत्व
सनातन धर्म में आषाढ़ माह में पड़ने वाली योगिनी एकादशी व्रत का महत्व बहुत अधिक माना गया है। इस दिन सच्चे मन और श्रद्धा के साथ पूजा करने से और व्रत रखने से जिंदगी में सुख शांति समृद्धि आती है और यश में बढ़ोतरी होती है। जिस दिन पूजा करने से औरत रखने से मनुष्य के कठिन से कठिन रोग से छुटकारा मिलता है, मानसिक अशांति खत्म होती है और शरीर में एक नई ऊर्जा का आभास होता है। योगिनी एकादशी व्रत रखने से घर कलह दूर होती है, धन के नए रास्ते खुलते हैं, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
योगिनी एकादशी व्रत पूजा विधि
- योगिनी एकादशी व्रत के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और साफ पीले कपड़े पहने।
- पूजा के स्थान की साफ सफाई करें और लकड़ी की चौकी रखे और इसमें श्री हरि विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- अब आप श्री हरि विष्णु जी को पीले फूल, फल, मिठाई, पंचामृत, तुलसी, दल मिश्री और पंजरी अर्पित करें।
- अब आप प्रतिमा के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- अब आप भगवान श्री हरि विष्णु जी के सामने हाथ जोड़कर “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- अब आप पूरे परिवार के साथ योगिनी एकादशी कथा को पढ़ें।
- योगिनी एकादशी कथा पढ़ने के बाद आप भगवान विष्णु जी की आरती करें।
- अब आप हाथ जोकर श्री हरि विष्णु जी की अपनी की हुई गलतियों के लिए माफी मांगे और व्रत रखने का संकल्प ले।
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योगिनी एकादशी के दिन करें ये दान
योगिनी एकादशी के दिन श्री हरि की पूजा करने के साथ-साथ दान करने से बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन आप कुछ चीजों का दान करके विशेष फल प्राप्त कर सकते हैं।
- साधक को इस दिन अन्न का दान जरूर करना चाहिए, जिस दिन जरूरतमंद लोगों को गेहूं चावल दाल का दम जरूर करें, ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी कृपा हरदम बनी रहती है।
- योगिनी एकादशी व्रत के दिन प्यासे लोगों को पानी जरूर पिलाएं, गर्मी के मौसम में प्यासे लोगों को पानी पिलाना बहुत ही शुभ और महादान माना जाता है, आप किस दिन जरूरतमंद लोगों को पानी के लिए बर्तनों का दान भी कर सकते हैं।
- योगिनी एकादशी के दिन अपने समर्थ के हिसाब से जरूरतमंद लोगों को धन दान करें, हिंदू पंचांग में बताया गया है इस दिन धन दान करने से दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।
- योगिनी एकादशी के दिन साधक को जरूरतमंद लोगों को पीले वस्त्रो का दान जरूर करना चाहिए।
- साधक को इस दिन मंदिर में भक्तों को दीपक जलाने के लिए तेल या घी का दान जरूर करना चाहिए।
- योगिनी एकादशी के दिन साधक गाय को हरा चारा खिलाएं, या गौशाला में हरा चारा का दान करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ )
योगिनी एकादशी पर क्या दान करें?
योगिनी एकादशी व्रत के दिन वस्त्र जल धन का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है, इसके अलावा आप मंदिर में दीपक जलाने के लिए घी या तेल का दान कर सकते हैं।
योगिनी एकादशी व्रत में क्या खाएं?
योगिनी एकादशी व्रत के दौरान फल का सेवन कर सकते हैं।
क्या एकादशी के दिन बाल धोना चाहिए?
एकादशी के दिन बाल नहीं धोना चाहिए, एकादशी के दिन पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए बाल धोना पूरी तरह से वर्जित माना गया है।
एकादशी के व्रत में मूंगफली खा सकते हैं क्या?
एकादशी के व्रत में कच्ची मूंगफली को भिगोकर या ड्राई रोस्ट करके खा सकते हैं।