Pitru Paksha Upay : पितृ पक्ष में करें भगवान शिव जी के नाम मंत्र का जाप, बनेंगे सभी बिगड़े काम, प्राप्त होगा पितरों का आशीर्वाद

Pitru Paksha Upay : धार्मिक मतों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है, मान्यता है कि पितृपक्ष में पितृ धरती पर आते हैं। इस दौरान पितरों की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं, पितृपक्ष में ब्राह्मणों को भोजन करना दक्षिणा देने के साथ-साथ और भी बहुत सारे उपाय हैं, जिनको करके हम पितरों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

गरुड़ पुराण के अनुसार पितृपक्ष में पितृ धरती पर आकर निवास करते हैं और इस दौरान पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरो कृपा से घर में सुख शांति समृद्धि आती है। पितृपक्ष पूजा के दौरान श्राद्ध तर्पण और पिंडदान के अलावा पितरों की आरती की जाती है। ज्योतिष आचार्याओं के अनुसार पितृपक्ष में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने की भी सलाह दी जाती है और मान्यता है कि इस दौरान भगवान शिव जी की पूजा करने से और उनके नाम का मंत्र जाप करने से सभी अधूरे कार्य पूरे होते हैं।

पितृपक्ष में भगवान शिव जी के 108 का नाम जप करें

पितृपक्ष के दौरान प्रतिदिन आप भगवान भोलेनाथ जी की पूजा करें और इस दौरान भगवान शिव जी के 108 नाम मंत्र का जाप करें, भगवान शिव जी के 108 मंत्र का जब करने से आपके ऊपर भगवान शिव जी की कृपा बरसेगी और आपके सभी अधूरे कार्य पूरे होंगे।

  1. ॐ महाकाल नमः
  2. ॐ भीमेश्वर नमः
  3. ॐ विषधारी नमः
  4. ॐ बम भोले नमः
  5. ॐ विश्वनाथ नमः
  6. ॐ अनादिदेव नमः
  7. ॐ उमापति नमः
  8. ॐ गोरापति नमः
  9. ॐ गणपिता नमः
  10. ॐ ओंकार स्वामी नमः
  11. ॐ ओंकारेश्वर नमः
  12. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
  13. ॐ भोले बाबा नमः
  14. ॐ शिवजी नमः
  15. ॐ रुद्रनाथ नमः
  16. ॐ भीमशंकर नमः
  17. ॐ नटराज नमः
  18. ॐ प्रलेयन्कार नमः
  19. ॐ चंद्रमोली नमः
  20. ॐ डमरूधारी नमः
  21. ॐ चंद्रधारी नमः
  22. ॐ दक्षेश्वर नमः
  23. ॐ घ्रेनश्वर नमः
  24. ॐ मणिमहेश नमः
  25. ॐ अनादी नमः
  26. ॐ अमर नमः
  27. ॐ आशुतोष महाराज नमः
  28. ॐ विलवकेश्वर नमः
  29. ॐ भोलेनाथ नमः
  30. ॐ कैलाश पति नमः
  31. ॐ भूतनाथ नमः
  32. ॐ नंदराज नमः
  33. ॐ नन्दी की सवारी नमः
  34. ॐ ज्योतिलिंग नमः
  35. ॐ मलिकार्जुन नमः
  36. ॐ शम्भु नमः
  37. ॐ नीलकंठ नमः
  38. ॐ महाकालेश्वर नमः
  39. ॐ त्रिपुरारी नमः
  40. ॐ त्रिलोकनाथ नमः
  41. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
  42. ॐ बर्फानी बाबा नमः
  43. ॐ लंकेश्वर नमः
  44. ॐ अमरनाथ नमः
  45. ॐ केदारनाथ नमः
  46. ॐ मंगलेश्वर नमः
  47. ॐ अर्धनारीश्वर नमः
  48. ॐ नागार्जुन नमः
  49. ॐ जटाधारी नमः
  50. ॐ नीलेश्वर नमः
  51. ॐ जगतपिता नमः
  52. ॐ मृत्युन्जन नमः
  53. ॐ नागधारी नमः
  54. ॐ रामेश्वर नमः
  55. ॐ गलसर्पमाला नमः
  56. ॐ दीनानाथ नमः
  57. ॐ सोमनाथ नमः
  58. ॐ जोगी नमः
  59. ॐ भंडारी बाबा नमः
  60. ॐ बमलेहरी नमः
  61. ॐ गोरीशंकर नमः
  62. ॐ शिवाकांत नमः
  63. ॐ महेश्वराए नमः
  64. ॐ महेश नमः
  65. ॐ संकटहारी नमः
  66. ॐ महेश्वर नमः
  67. ॐ रुंडमालाधारी नमः
  68. ॐ जगपालनकर्ता नमः
  69. ॐ पशुपति नमः
  70. ॐ संगमेश्वर नमः
  71. ॐ अचलेश्वर नमः
  72. ॐ ओलोकानाथ नमः
  73. ॐ आदिनाथ न
  74. ॐ देवदेवेश्वर नमः
  75. ॐ प्राणनाथ नमः
  76. ॐ शिवम् नमः
  77. ॐ महादानी नमः
  78. ॐ शिवदानी नमः
  79. ॐ अभयंकर नमः
  80. ॐ पातालेश्वर नमः
  81. ॐ धूधेश्वर नमः
  82. ॐ सर्पधारी नमः
  83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
  84. ॐ हठ योगी नमः
  85. ॐ विश्लेश्वर नमः
  86. ॐ नागाधिराज नमः
  87. ॐ सर्वेश्वर नमः
  88. ॐ उमाकांत नमः
  89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
  90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः
  91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
  92. ॐ महादेव नमः
  93. ॐ गढ़शंकर नमः
  94. ॐ मुक्तेश्वर नमः
  95. ॐ नटेषर नमः
  96. ॐ गिरजापति नमः
  97. ॐ भद्रेश्वर नमः
  98. ॐ त्रिपुनाशक नमः
  99. ॐ निर्जेश्वर नमः
  100. ॐ किरातेश्वर नमः
  101. ॐ जागेश्वर नमः
  102. ॐ अबधूतपति नमः
  103. ॐ भीलपति नमः
  104. ॐ जितनाथ नमः
  105. ॐ वृषेश्वर नमः
  106. ॐ भूतेश्वर नमः
  107. ॐ बैजूनाथ नमः
  108. ॐ नागेश्वर नमः

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