Mahalaxmi Vrat 2025 Date : महालक्ष्मी व्रत कब से शुरू हो रहा है ? नोट कीजिए सही तिथि, पूजा विधि और महत्व – हिंदू पंचांग के अनुसार महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद मां के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता है और इसका समापन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन होता है। महालक्ष्मी व्रत ( Mahalaxmi Vrat 2025 ) मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि मां लक्ष्मी व्रत करने से मां लक्ष्मी जी की कृपा से जिंदगी में धन-सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत का बहुत विशेष महत्व है, मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत रखने से और मां लक्ष्मी की पूरी विधि विधान के साथ पूजा करने से धन दौलत वैभव सुख समृद्धि आती है और मां लक्ष्मी की कृपा से आपकी आर्थिक स्थिति हर दम अच्छी रहती है। मां लक्ष्मी व्रत कब से शुरू हो रहा है ( Mahalaxmi Vrat 2025 ) , पूजा विधि महत्व के साथ-साथ महालक्ष्मी व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी।
मां लक्ष्मी व्रत कब से शुरू हो रहा है ( Mahalaxmi Vrat 2025 Date )
हिंदू पंचांग के अनुसार महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता है और इसका समापन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन होता है। इस बार महालक्ष्मी व्रत का आरंभ 31 अगस्त 2025 से होगा और इसका समापन 14 सितंबर 2025 को होगा, सभी भक्त लोग इस समय मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए मां लक्ष्मी जी की उपासना कर सकते हैं ।
महालक्ष्मी व्रत का महत्व
हिंदू शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी व्रत रखने से मनुष्य के जिंदगी में सुख शांति आती है, जिंदगी में चल रही सभी आर्थिक समस्याएं समाप्त होते हैं, घर पर अनुभव में वृद्धि होती है, दूसरों की पूरी विधि विधान के साथ व्रत रखने से और पूजा करने से घर में खुशहाली आती है। अगर आपके घर में धन संबंधित समस्याएं बनी रहती हैं तो आप मां लक्ष्मी का व्रत जरूर रखें।
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मां लक्ष्मी व्रत पूजन विधि
- मां लक्ष्मी व्रत के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और इसके बाद घर के साथ-साथ पूजा स्थल की साफ सफाई करें।
- साफ सफाई करने के बाद आप पूजा स्थल और पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें।
- अब आपको पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उसमें माता लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करें।
- अब आपको मां लक्ष्मी जी की प्रतिमा को गंगा जल या पंचामृत से स्नान कराये।
- अब आप एक कलश मे जल सुपारी हल्दी अच्छा कमलगट्टा और पंच पल्लव डाले, इसके बाद आप कलश के ऊपर नारियल रखें और चुनरी लपेटकर कलश स्थापित करें।
- अब आपको सबसे पहले गणेश जी की पूजा करनी है और इसके बाद नौ ग्रहों की पूजन करें और मां लक्ष्मी जी का श्रृंगार करें।
- अब आपको सभी पूजा सामग्री मां लक्ष्मी जी के चरणों में अर्पित करें।
- अब आप मां लक्ष्मी जी के मंत्र का जाप करें और उसके बाद मां लक्ष्मी जी की आरती करें।
- अब आप हाथ जोड़कर अपनी सुख समृद्धि के लिए कामना करें।
महालक्ष्मी पूजा के दौरान करें इन मंत्रो का जाप
लक्ष्मी मूल मंत्र – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः।।
कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र – ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
लक्ष्मी गायत्री मंत्र – ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ||
ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नम: स्वाहा