Jeth Ka Purnima Kab Hai : सनातन धर्म में जून महीने में पड़ने वाली ज्येष्ठ पूर्णिमा का बहुत ही बड़ा महत्व माना गया है। हिंदू धर्म में प्रत्येक माह मे पूर्णिमा पड़ती है, ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की तिथि के दिन पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा ( Jeth Ka Purnima Kab Hai ) के दिन गंगा स्नान, दान करने का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है, कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से और दान करने से मनुष्य की जिंदगी में सुख समृद्धि शांति आती है।
सनातन धर्म में प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष तिथि के दिन पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। पूर्णिमा व्रत भगवान विष्णु और चंद्र देव की आराधना की जाती है, इस दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, चंद्र देव की पूजा करने से व्यक्ति की मानसिक स्थिति अच्छी रहती है। हिंदू धर्म में सभी साधक लोग पूरी विधि विधान के साथ पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते हैं, आईए जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है ( Jeth Ka Purnima Kab Hai )और गंगा स्नान, दान, पूजा का शुभ मुहूर्त।
ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है? ( Jeth Ka Purnima Kab Hai )
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष तिथि के ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाई जाती है। इस बार जून महीने में पड़ने वाली ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून 2025 को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जून 2025 को सुबह 11:35 पर होगी, और इसका समापन अगले दिन 11 जून 2025 को दोपहर 1:13 पर होगा। सनातन धर्म के अनुसार उदया तिथि के हिसाब से ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून 2025 को मनाई जाएगी और इसी दिन गंगा स्नान और दान किया जाएगा।
ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान-दान शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना, दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। किस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से और जरूरतमंद लोगों को दान करने से शुभ फल प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान करने का शुभ ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:02 से लेकर 4:42 तक है, अमृत काल शुभ मुहूर्त सुबह 10:35 से लेकर दोपहर के 12:20 तक है, वही स्नान दान करने का विजय मुहूर्त दोपहर 2:40 से लेकर 3:36 तक है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व
सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा व्रत का बहुत ही अधिक महत्व माना गया है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है और जिंदगी में सुख समृद्धि आती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन बहुत सारी सुहागिन महिलाएं अपनी पति के दीर्घायु के लिए सावित्री व्रत करती हैं और वट वृक्ष की पूजा करते हैं।
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ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जिन शादीशुदा दंपति के संतान की प्राप्ति नहीं होती है, अगर वह दंपत्ति ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं तो उनको संतान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन प्यासी लोगों को जल पिलाने से और सत्तू दान करने से कुंडली में राहु केतु शनि चंद्र और दूसरे ग्रह मजबूत होते हैं। इसके अलावा इस दिन माता-पिता को सम्मान पूर्वक गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष पड़ने वाली सभी पुर्णिमाओं के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ )
जून में पूर्णिमा कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार जून महीने में पड़ने वाली ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून 2025 को है।
पूर्णिमा व्रत कितने करने चाहिए?
हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा व्रत एक वर्ष में 12 बार पूर्णिमा व्रत पड़ते हैं, साधक को प्रत्येक माह पड़ने वाली पूर्णिमा व्रत रखना चाहिए।
पूर्णिमा के व्रत में शाम को क्या खाया जाता है?
पूर्णिमा के व्रत को शाम को साधक को फल ड्राई फ्रूट का सेवन करना चाहिए, साधक चावल की खीर साबूदाने की खीर का सेवन कर सकता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए?
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और इस दिन दूध चावल की बनी खीर का भोग लगाना चाहिए और खीर मे तुलसी का पत्ता जरूर होना चाहिए।
पूर्णिमा के दिन कौन सा काम नहीं करना चाहिए?
पूर्णिमा के दिन साधक को बाल नहीं धोना चाहिए, नाखून नहीं काटना चाहिए, बाल नहीं काटने चाहिए, मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।