Diwali Kitni Tarikh Ko Hai : दिवाली कब है? नोट कीजिए सही तिथि शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Diwali Kitni Tarikh Ko Hai : दिवाली एक ऐसा पर्व है जो पूरे भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली त्योहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है, दिवाली पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत और भगवान श्री राम के अयोध्या वापसी के के लिए मनाया जाता है। दिवाली पर्व में सभी लोग अपने घर में पूरे खुशियों के साथ दीप जलाकर पर्व मनाते हैं।

इस बार दिवाली को लेकर लोगों के मन में बहुत सारी कन्फ्यूजन है की दिवाली कब मनाई जाएगी ( Diwali Kitni Tarikh Ko Hai ), क्योंकि कार्तिक अमावस्या दो दिन पड़ रही है इस वजह से दिवाली को लेकर कंफ्यूजन है कि दिवाली कब है ( Diwali Kab Hai). अवधेश शास्त्री के अनुसार दीपावली पर्व कब मनाया जाएगा ( Diwali 2025 ) इसके बारे में जानते हैं।

दिवाली कब मनाई जाएगी ( Diwali Kitni Tarikh Ko Hai )

हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली ( Diwali 2025 ) कार्तिक अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है, कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर 2025 को शाम 3:45 पर हो रही है और इसका समापन 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:54 पर होगा। क्योंकि दीपावली की पूजा संध्या काल में की जाती है, इसलिए दीपावली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त

कार्तिक अमावस्या का स्नान और दान ब्रह्म मुहूर्त कल में किया जाता है तो वही दिवाली की पूजा रात्रि में निशिता शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा और काली पूजा की जाती है।

  • लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर शाम 6:56 से लेकर 8:04 तक
  • प्रदोष कल शाम 5:33 से लेकर रात्रि 8:08 तक
  • वृषभ कल शाम 6:56 से लेकर 8:53 तक
  • निशिता काल का मुहूर्त रात्रि 11:41 से लेकर 21 अक्टूबर को सुबह 12:31 तक

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दीपावली का महत्व

दीपावली एक ऐसा पर्व है जो पूरे भारतवर्ष में बहुत ही हरसोलस और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दीपावली त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत और भगवान श्री राम के अयोध्या वापसी के जश्न के रूप में मनाया जाता है। दीपावली के दिन सभी लोग घरों में साफ सफाई करके लाइटिंग करते हैं और पूरे घर में दीप जलाकर दिवाली पर्व मनाते हैं। दिवाली के शुभ अवसर पर भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा करने का भी विधान है।

दीपावली पूजन विधि ( Diwali Puja Vidhi )

  • दीपावली के दिन आप सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें।
  • दीपावली पूजा रात्रि में की जाती है इसलिए शुभ मुहूर्त से पहले स्नान करें और अपने ऊपर गंगाजल का छिड़काव करें।
  • अब आप पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बेचकर उसे पर अनाज या चावल रखें और इसके बाद आप भगवान गणेश जी माता लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • आप भगवान गणेश जी और माता लक्ष्मी जी को चांदी का सिक्का अर्पित करें।
  • अब आप हाथ जोड़कर फूल और अक्षत लेकर सभी देवी देवताओं का आवाहन करें।
  • अब आप सभी पूजा सामग्री को भगवान गणेश और लक्ष्मी माता जी को अर्पित करें और इसके बाद फल और मिठाइयां अर्पित करें।
  • अब आप श्री गणेश जी की आरती और माता लक्ष्मी जी की आरती करें।
  • अब आप हाथ जोड़कर अपने अच्छे भविष्य के लिए प्रार्थना करें।

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