गुरुवार व्रत के लाभ : गुरुवार यानी बृहस्पतिवार भगवान विष्णु जी को समर्पित है, गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है और इस दिन व्रत रखा जाता है, भगवान विष्णु जी के साथ-साथ केले के पेड़ की भी पूजा की जाती है, गुरुवार के दिन व्रत रखने से और पूजा करने से विवाह सुख शांति सद्बुद्धि गृहस्थ जीवन के साथ-साथ कई सारे चमत्कारिक लाभ ( गुरुवार व्रत के लाभ ) होते हैं।
सनातन धर्म में गुरुवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण महत्व रखता है, गुरुवार के दिन सभी भक्त लोग भगवान विष्णु जी के साथ-साथ बृहस्पति जी के भी पूजा करते हैं। अगर आप अपनी जिंदगी में चल रहे सभी कासन से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आप गुरुवार व्रत जरूर रखें। हम आपके यहां पर “गुरुवार व्रत के लाभ” के बारे में जानकारी देंगे।
गुरुवार व्रत का महत्व
सनातन धर्म के अनुसार गुरुवार का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी के साथ-साथ बृहस्पति देव की पूजा का विधान है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव है तो आप बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु जी और बृहस्पति देव की पूजा करके कुंडली के अशुभ प्रभाव को कम कर सकते हैं। आप गुरुवार व्रत के अपनी जिंदगी में सुख समृद्धि शांति ला सकते हैं, गुरुवार व्रत रखने से आपकी जिंदगी में चल रही सभी समस्याओं का नाश होता है।
Also Read : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें यह उपाय, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
गुरुवार व्रत के लाभ
- गुरुवार व्रत रखने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी कृपा से जिंदगी में चल रही सभी समस्याएं समाप्त होती हैं।
- गुरुवा व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में चल रही सभी मुश्किलें दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है।
- गुरुवार व्रत रखने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में चल रही दरिद्रता दूर होती है और घर में धन का आगमन होता है।
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में अल्पायु का योग है तो गुरुवार व्रत रखने से अल्प आयु का योग समाप्त हो जाता है।
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो गुरुवार व्रत रखने से कुंडली से पितृ दोष समाप्त होता है।
- अगर घर पर हरदम अशांति रहती है मन उदास रहता है तो आप गुरुवार व्रत रखकर घर में सुख शांति ला सकते हैं।
- गुरुवार व्रत रखने से व्यक्ति के जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है जिसकी वजह से समाज में मान सम्मान में वृद्धि होती है।
- गुरुवा व्रत रखने से कुंडली के सभी अशोक प्रभाव समाप्त होते हैं और कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है।
गुरुवार व्रत के नियम
- सुबह सूर्योदय से पहले जल्दी उठकर स्नान करें और गुरुवार व्रत का संकल्प ले।
- अब आप पीले वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल पर भगवान विष्णु जी और बृहस्पति देव की प्रतिमा स्थापित करें।
- अब आप पंचामृत या गंगाजल से विष्णु जी और बृहस्पति देव को स्नान कराये।
- अब आपको चंदन हल्दी का तिलक लगाना है।
- अब आप गुड़, चने की दाल मुनक्का और केले का भोग लगाए।
- अब आप आसन पर बैठकर बृहस्पतिवार कथा का पाठ करें और वैदिक मंत्रो का जाप करें।
- अब आपको भगवान विष्णु जी की आरती करना है।
- आरती समाप्त होने के बाद हाथ जोड़कर जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
[…] […]
[…] […]