शनिदेव को खुश करने के 6 उपाय, शनि देव के साढे सती से छुटकारा कैसे पाएं

शनिदेव को खुश करने के 6 उपाय : अगर आप शनि के साढे साती से परेशान है, या फिर आप शनि के प्रकोप से बचना चाहते हैं और आप शनिदेव को खुश करना चाहते हैं तो हम आपके यहां पर शनिदेव को खुश करने के 6 उपाय के बारे में बताएंगे। आप इन 6 उपाय में से कोई भी एक उपाय करते हैं तो शनि देव आपसे हरदम खुश रहते हैं और आप शनिदेव की प्रकोप से बच सकते हैं।

शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है, शनिदेव हमेशा हमारे द्वारा किए गए अच्छे और बुरे कर्म के हिसाब से न्याय करते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार जब शनिदेव हमारे कुंडली में विराजमान होते हैं तो हमारे जिंदगी में बहुत अधिक कठिनाइयां आती हैं। अगर आप शनिदेव की साढे सती से बचना चाहते हैं और आप शनि देव को खुश करना चाहते हैं तो हम आपको शनि को तुरंत खुश करने के उपाय के बारे में बताएंगे।

शनिदेव को खुश करने के 6 उपाय / शनि को तुरंत खुश करने के उपाय

अगर आप अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहते हैं तो आपको शनि के साढे सती से बचना जरूरी है। कहते हैं कि जिस पर शनि की साढे सती लगती है उसकी जिंदगी तहस नहस हो जाती है। आई अब हम आपको शनि से साढे साती से बचने के उपाय और शनि देव को खुश करने के 6 उपाय के बारे में बताते हैं।

अच्छे कर्म करना

अगर आप शनिदेव को खुश करना चाहते हैं और शनिदेव के साढे सती से बचना चाहते हैं तो आप अच्छे कर्म करें। आप लोगों की मदद करें, गरीब लोगों को खाना खिलाए, जरूरतमंद लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से वस्तुएं दान करें, अगर आप ऐसा करते हैं तो शनि देव आपसे हरदम खुश रहेंगे।

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शनिवार को दान पुण्य करे

अगर आप शनिदेव के प्रकोप से बचना चाहते हैं तो आप प्रत्येक शनिवार को जरूरतमंद लोगों को उड़द की दाल, सरसों का तेल, तिल, काले कंबल, जूते की जोड़ी दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शाम के समय चीटियों को आटा डालने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।

शनि देव की पूजा करें

शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए आपको प्रत्येक शनिवार को पूरे विधि विधान के साथ शनि देव की पूजा करनी चाहिए। आप शनिवार के दिन काले वस्त्र पहनकर शनि देव मंदिर जाकर सरसों के तेल का दिया जलाएं और शनि देव की मंत्रो के साथ पूजा करें।

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पीपल की पूजा

अगर आपके ऊपर शनि की साडेसाती चल रही है तो आप प्रत्येक दिन पीपल की पूजा करें। आप प्रत्येक दिन सुबह पीपल के के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शाम के वक्त पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

हनुमान जी की पूजा करना

अगर आप शनिदेव के प्रकोप और शनिदेव दोष से बचना चाहते हैं तो आपको प्रत्येक शनिवार को हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। हिंदू पुराण के अनुसार जब रावण ने शनिदेव को कैद कर लिया था तो हनुमान जी ने शनिदेव को रावण के कैद से छुड़ाया था। तभी शनिदेव ने कहा था कि जो भी व्यक्ति हनुमान जी की पूजा करेगा उसे व्यक्ति को कभी भी शनि दोष नहीं लगेगा।

पशु पक्षियों को भोजन कराए

अगर आप शनिदेव के बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं और शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप प्रत्येक दिन पशु पशुओं को भोजन कराए। आप शनिदेव की कृपा पानी के लिए प्रत्येक दिन मछली चिड़िया पशु पक्षी को अपनी हैसियत के हिसाब से भोजन कराए, अगर आप भूखे कुत्तों को खाना खिलाते हैं और उनकी सेवा करते हैं इससे शनिदेव आपसे बहुत ही जल्द प्रसन्न होते हैं।

शनिदेव दोष : FAQ

शनिवार के दिन कौन सा टोटका करना चाहिए?

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप प्रत्येक शनिवार को एक रोटी पर सरसों का तेल लगाकर इसे कुत्ते को खिलाना चाहिए।

शनिदेव की कृपा पाने के लिए क्या करें ?

अगर आप शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं तो आप प्रत्येक शनिवार को स्नान करने के बाद गंगाजल में काले तिल डालकर पीपल के वृक्ष पर चढ़ाए।

शनि दोष हटाने के लिए क्या करना चाहिए?

शनि दोष हटाने के लिए आपको प्रत्येक शनिवार को शनि देव की पूजा करनी चाहिए, शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए, शनिवार के दिन जरूरतमंद लोगों को दान करें।

करें शनि चालीसा का पाठ

आप शनि देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप प्रत्येक शनिवार को शनि देव की पूजा के दौरान श्री शनि चालीसा पाठ जरूर करें, श्री शनि चालीसा पाठ करने से शनि देव अपने भक्त से प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं –

श्री शनि चालीसा (Shri Shani Chalisa)

दोहा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

चौपाई

जयति जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।
हिय माल मुक्तन मणि दमके॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥

पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत।
तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई।
मातु जानकी गई चुराई॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।
मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गति-मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी॥

तैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी-मीन कूद गई पानी॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।
पारवती को सती कराई॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।
बची द्रौपदी होति उघारी॥

कौरव के भी गति मति मारयो।
युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।
लेकर कूदि परयो पाताला॥

शेष देव-लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥

समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

दोहा

पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

निष्कर्ष

आप सभी लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से शनिदेव को खुश करने के 6 उपाय / शनि को तुरंत खुश करने के उपाय के बारे में बताया है। अगर आप शनि देव को खुश करना चाहते हैं और आप शनिदेव के प्रभाव से बचना चाहते हैं तो आप ऊपर बताए गए उपाय को फॉलो करें।

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