Nag Panchami Kab Hai : हिंदू धर्म में हर महीने कोई ना कोई व्रत त्यौहार पड़ता है, हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत त्यौहार का विशेष महत्व माना जाता है। इस वर्ष कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव जी की और नाग देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन शिव जी की और नाग देवता की पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
नाग पंचमी का पर्व पूरे भारतवर्ष में सभी हिंदू भाई बहन पूरे धूमधाम के साथ मनाते हैं। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की माता पार्वती के साथ-साथ नाग देवता की पूजा की जाती है और मान्यता है कि इस दिन सांपों की मूर्तियां और प्रतिमाओं को अर्पित की गई सभी सामग्री सीधा नाग देवता पहुंचती है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध पिलाने का भी प्रचलन है। नाग पंचमी कब है ( Nag Panchami Kab Hai ) , नाग पंचमी शुभ मुहूर्त, पूजा विधि पूरी जानकारी पंडित उमेश पांडे जी के द्वारा बताई गई जानकारी के द्वारा प्रोवाइड की जाएगी।
नाग पंचमी कब है ( Nag Panchami Kab Hai )
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने की पंचमी तिथि के दिन पूरे धूमधाम के साथ नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस बार पंचमी तिथि 28 जुलाई 2025 को रात्रि 11:24 पर शुरू होगी और इसका समापन 30 जुलाई को सुबह 12:46 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष 2025 में नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा।
नाग पंचमी चौघड़िया पूजन शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी के दिन भगवान शिव जी की पूजा की जाती है और इस दिन शिव जी की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है और भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सभी भक्तों को इस दिन नाग पंचमी चौघड़िया पूजन करने के तीन शुभ मुहूर्त मिलेंगे –
नाग पंचमी के दिन चौघड़िया शुभ मुहूर्त सुबह 10:46 से लेकर दोपहर 12:27 तक है वही दूसरा मुहूर्त 12:27 से लेकर दोपहर 2:09 तक है और वहीं तीसरा शुभ मुहूर्त 3:51 से लेकर शाम 5:35 तक है।
Also Read : सावन कब से शुरू है, जानें व्रत तिथि, पूजन विधि और उपाय
नाग पंचमी पर्व का महत्व
सनातन धर्म में नाग पंचमी पर्व का बहुत विशेष महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन नाग देवता के साथ-साथ भगवान शिव जी की भी पूजा करनी चाहिए। नाग पंचमी के दिन आप शिवलिंग काजल अभिषेक करें और पूरे विधि विधान के साथ पूजा करें। अगर आप कल सिर्फ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं और पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आप नाग पंचमी कितने से माथे पर प्रत्येक दिन तिलक लगाना शुरू करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और कुंडली से कालसर्प दोष दूर होता है।
नाग पंचमी पूजन विधि
- आप सभी भक्त लोग सबसे पहले नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े धारण करें।
- अब आप शिवजी के मंदिर जाकर शिव जी को एक लोटा जल अर्पित करें और पूरी विधि विधान के साथ पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
- अब आप अपने घर आकर में दरवाजे के दोनों और खड़िया से पुताई करें और कोयले से नाग देवता का प्रतीक चिन्ह बनाएं।
- अब आप पूजा स्थल पर नाग देवता की फोटो लगाकर पूरे विधि विधान के साथ पूजा करें।
- नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आरती करें और नाग पंचमी का पाठ करें।
- अब आप नाग देवता को दूध पिलाने के लिए घर के एक कोने में दूध रखें इसके अलावा आप अपने खेत में जहां पर सर्प वगैरा रहते हो वहां पर दूध रखें।
नाग पंचमी में कालसर्प दोष छुटकारा पाने के लिए करें सरल उपाय
अगर आप कालसर्प दोष से पीड़ित है या फिर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आप नाग पंचमी के दिन नीचे बताए गए यह सरल उपाय जरूर करें –
- नाग पंचमी के दिन आप चांदी के नाग नागिन के जोड़े को लाकर इसे गंगा नदी में प्रवाहित करें।
- नाग पंचमी के दिन नाग सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए श्रीमद् भागवत पुराण और श्री हरवंश पुराण का पाठ जरूर कराये।
- नाग पंचमी के दिन घर पर समुद्री नमक फिटकरी और देसी गाय का गोमूत्र मिलकर पोछा लगे और गूगल की धूप चलाएं।
- नाग पंचमी के दिन से माथे पर चंदन का तिलक लगाना शुरू करें इससे नाक सर्प दोष के साथ-साथ पित्त दोष से भी मुक्ति मिलती है।
- नाग पंचमी के दिन आप घर पर श्री सर्प सूक्त का पाठ जरूर करें।
निष्कर्ष ( Conclusion )
आप सभी लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से नाग पंचमी कब है ( Nag Panchami Kab Hai ) के बारे में जानकारी दी गई है। अगर आप कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आप नाग पंचमी के दिन शिवजी और नाग देवता की पूजा करें और ऊपर बताए गए सभी उपायों को फॉलो जरूर करें। आप ऐसे ही व्रत त्योहार और आध्यात्मिक से जुड़ी सटीक जानकारी पाने के लिए हमारी इस वेबसाइट को बुकमार्क जरूर करें।